चंडीगढ़। योग गुरू बाबा रामदेव ने बुधवार को कहा कि परिवर्तन लाने के लिए दो महीने के अंदर देश की जनता के समक्ष एक राजनीतिक विकल्प पेश किया जायेगा जो आम आदमी के हितों के लिए काम करेगा।
बाबा रामदेव ने कहा कि हम राजनीति के अंदर परिवर्तन लाएंगे और लोगों के लिए दो महीने के अंदर विकल्प पेश करेंगे। उन्होंने कहा, मैं लोगों से संसद में एक राजनीतिक शक्ति के बारे में वादा करता हूं। हमें सामाजिक और आर्थिक अन्याय को खत्म करने के लिए और देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए कम से कम 300 सांसदों की जरूरत है।
बाबा रामदेव ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा सोलन में पतजंलि योगपीठ की जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश का स्वागत किया और कहा कि सभी प्रासंगिक रिकार्ड अदालत में पेश किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह जनता की जमीन है। बाबा रामदेव ने दावे के साथ कहा कि विश्वभर में ऐसे लाखों लोग हैं जो मेरे ट्रस्ट को जमीन देने के इच्छुक हैं।
हाई कोर्ट से बाबा रामदेव को नहीं मिली राहत
शिमला [राजेंद्र डोगरा]। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में राज्य सरकार द्वारा जमीन का पट्टा रद करने के मामले में पतंजलि योगपीठ को हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। न्यायाधीश दीपक गुप्ता व न्यायाधीश कुलदीप सिंह की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के पश्चात यथास्थिति बनाए रखने के साथ जमीन पर बने ढांचे को न तोड़ने व उसे किसी और को न देने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार को अपना जवाब दायर करने के लिए 24 अप्रैल तक का वक्त दिया है।
गौरतलब है कि सोलन जिले के साधुपुल में पूर्व भाजपा सरकार ने पतंजलि योगपीठ को 96 बीघा भूमि 17 लाख रुपये में पट्टे पर दी थी। इस पर पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने 11 करोड़ रुपये लगाकर निर्माण कार्य भी पूरा कर दिया है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस जमीन का पट्टा रद करते हुए योगपीठ परिसर पर कब्जा कर लिया।
योगपीठ ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबा रामदेव का आरोप है कि केंद्र सरकार के विरुद्ध आंदोलन के चलते कांग्रेस सरकार ने यह कार्रवाई की है। परिसर में निर्माण कार्य रोक कर वहां भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है। अब यह भूमि सरकार के कब्जे में है। अदालत के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के पश्चात भी यह सरकार के ही कब्जे में रहेगी। मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
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