Friday, 22 February 2013

हैदराबाद ब्लास्ट: संसद में विपक्ष का हंगामा

हैदराबाद बम विस्फोट , श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे और विभिन्न घोटालों पर कई दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन को हैदराबाद बम विस्फोट की जानकारी दी. सदन ने इस आतंकी घटना की कड़ी निंदा करते हुए कुछ पलों का मौन रखकर इसमें मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की.

इसके बाद प्रश्नकाल शुरू होते ही द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्य श्रीलंकाई तमिलों का मामला उठाते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लिये हुए थे जिसमें लिट्टे के दिवंगत नेता प्रभाकरण के कम उम्र के बेटे की निर्मम हत्या की खबरों से जुड़ा चित्र था. सदस्य संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के खिलाफ प्रस्ताव पर भारत के मतदान करने की मांग कर रहे थे. भाकपा सदस्य पी लिंगम अंतरराष्ट्रीय अदालत में श्रीलंका के राष्ट्रपति के खिलाफ मामला चलाये जाने की मांग कर रहे थे.

भाजपा एवं तेदेपा सदस्यों ने हैदराबाद बम विस्फोट मामले को उठाया. भाजपा सदस्यों ने विभिन्न घोटालों के मुद्दे को भी उठाया.

अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

शोर शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी.

राज्यसभा में भी भारी हंगामा
हैदराबाद बम विस्फोट की घटना पर सदन में चर्चा कराने की मांग पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से सदन में प्रश्नकाल नहीं हो पाया.

सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने हैदराबाद की दिलसुखनगर कालोनी में हुए दो बम विस्फोटों का जिक्र किया और कड़े शब्दों में इसकी निंदा की.

इस घटना में मारे गए लोगों को सदस्यों ने कुछ पल मौन रह कर श्रद्धांजलि दी.

इसके बाद सभापति ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा तो भाजपा के एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस भयावह घटना पर चर्चा करने के उद्देश्य से उन्होंने प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया है.

सभापति ने कहा कि कई और सदस्यों ने भी नोटिस दिए हैं और वह स्वयं चाहते हैं कि इस पर व्यापक चर्चा हो. इसके लिए समय तय कर चर्चा की जाएगी. लेकिन नायडू तत्काल चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे. उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने उनकी मांग का समर्थन किया.

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