बुधवार को दो दिन के भारत बंद का पहला दिन है. कई राज्यों में ट्रांसपोर्ट यूनियन और बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने भी इस बंद का समर्थन किया है. दिल्ली और कोलकाता में इस बंद का खासा असर दिख रहा है तो मुंबई में अब तक ये बंद बेअसर दिख रहा है. जबकि महाराष्ट्र में शिव सेना ने बंद का समर्थन किया है.
बंद से देश को 20 हज़ार करोड़ का होगा नुकसान
आज की हड़ताल में देश भर के करीब 10 करोड़ कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें सरकारी बैंकों के कर्मचारी भी हैं. हड़ताल के चलते ट्रांसपोर्ट, टेलीकॉम और डाक सेवाओं से लेकर तेल और गैस सेक्टर पर भी असर पड़ रहा है. सरकार को अनुमान है कि इस बंद से देश को 20 हज़ार करोड़ का नुकसान होगा.
सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का विरोध
कर्मचारी संगठन सरकार की गलत आर्थिक नीतियों और श्रम कानूनों का विरोध कर रहे हैं. मजदूर संगठनों ने सरकार से दस मांगें रखी थीं. इनमें महंगाई रोकने, रोजगार के मौके और वेतन बढ़ाने, सरकारी संस्थाओं में विनिवेश रोकने और श्रम कानून लागू किए जाने की मांगें अहम हैं.
मजदूर यूनियनों की हड़ताल में राइट और लेफ्ट, सरकार के खिलाफ एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं. इस आंदोलन को बीजेपी, शिवसेना और वामपंथी दलों समेत कई विपक्षी दलों का समर्थन है. भारत बंद को सफल बनाने के लिए मजदूर संगठनों ने मशाल जुलूस निकाला. पटना और भोपाल सहित कई शहरों में इस तरह के जुलूस निकाले गए. मज़दूर संगठनों ने आम लोगों से भी इस बंद को कामयाब बनाने की अपील की.
दिल्ली में सुबह से ही हड़ताल का असर
दिल्ली में सुबह से ही हड़ताल का असर दिख रहा है. दिल्ली में ऑटो वाले भी हड़ताल के साथ हैं. जिससे मुसाफिरों को काफी दिक्कत हो रही है. हड़ताल के चलते बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर मुसाफिरों को खासी दिक्कत हो रही है. जो ऑटो-टैक्सी वाले मुसाफिरों को बिठा रहे हैं, उन्हें जबरन रोका जा रहा है. मुसाफिरों को खासी दिक्कत से बचाने के लिए DTC ने अतिरिक्त बसे चलाने का ऐलान किया है.
मुंबई में हड़ताल का ज्यादा असर नहीं
दिल्ली में भले ही हड़ताल का असर दिख रहा है, लेकिन मुंबई में हड़ताल का ज्यादा असर नहीं है. मुंबई का एक बड़ा यूनियन हड़ताल में शामिल नहीं है. रेल कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल नहीं है लिहाजा मुंबई की लाइफ लाइन यानी मुंबई लोकल की रफ्तार पर भी असर नहीं पड़ा है. मुंबई में बेस्ट ने सभी बसें चलाने का ऐलान किया है.
मुंबई में दवा दुकानदारों की हड़ताल में आम लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है. FDA के नए नियमों के खिलाफ मेडिकल स्टोर हड़ताल पर हैं. चौबीसों घंटे खुली रहने वाली दुकानें सिर्फ 8 घंटे खुल रही हैं. रात में दवा दुकानें बंद रहीं, जिससे मरीज और उनके घरवाले बेहाल रहे.
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