बुधवार सुबह से देशभर में दो दिन का राष्ट्रव्यापी बंद शुरू हो गया है. बंद को देखते हुए सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं. दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल को देखते हुए राजधानी दिल्ली में आम जनजीवन बाधित हो सकता है क्योंकि शहर के कई मजदूर संघ आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं.
मुंबई में नहीं दिखेगा हड़ताल का असर
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हड़ताल का कम असर होने की संभावना है, क्योंकि यहां बसें, ट्रक, रेल, ऑटो और टैक्सी रोज की तरह ही चलेंगे. हालांकि हड़ताल को शिवसेना का समर्थन हासिल है.
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हड़ताल का कम असर होने की संभावना है, क्योंकि यहां बसें, ट्रक, रेल, ऑटो और टैक्सी रोज की तरह ही चलेंगे. हालांकि हड़ताल को शिवसेना का समर्थन हासिल है.
राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन, कई अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और बैंकों का कामकाज बाधित हो सकता है क्योंकि इन सेवाओं से जुड़े कामगारों के एक धड़े ने 11 मजदूर संघों द्वारा आहुत इस हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की है.
कई ऑटोरिक्शा और टैक्सी संघों ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है जिससे नियमित यात्रा करने वाले, विशेषकर स्कूली बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को असुविधा हो सकती है. आजादपुर थोक बाजार के बड़े मजदूर संघों ने भी हड़ताल में शामिल होने की बात कही है जिससे राजधानी में फलों और सब्जियों की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है.
राष्ट्रव्यापी हड़ताल से पहले मजदूर संघों ने लिया ‘स्थिति का जायजा’ दस मांगों को लेकर बुधवार सुबह से शुरू हुई दो दिनों की आम हड़ताल से पहले मंगलवार को दिल्ली में बड़े मजदूर संघों ने अलग-अलग बैठकें कीं. सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा कि बैठकें मूल रूप से हड़ताल से पहले की ‘स्थिति का जायजा लेने’ के लिए आयोजित की गयीं.
उन्होंने कहा कि सरकार को मांगों को पूरा करने के लिए काफी समय दिया गया लेकिन वह श्रमिक वर्ग को प्रभावित कर रही समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रही.
बड़े उद्योगों को हड़ताल से उत्पादन नुकसान की आशंका पंजाब और हरियाणा के मझोले तथा बड़े उद्योग ने ट्रेड यूनियनों की दो दिन की हड़ताल के दौरान उत्पादन नुकसान की आशंका जताई है. उल्लेखनीय है कि ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
सबसे बड़ी साइकिल कंपनी हीरो साइकिल्स के निदेशक एस.के. राय ने कहा, ‘दो दिन की हड़ताल का असर पड़ेगा. इससे उत्पादन का नुकसान हो सकता है. हम अपना उत्पादन जारी रखने का प्रयास करेंगे. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कितने कर्मचारी काम पर आते हैं.’
करनाल के एक उद्योगपति ने कहा कि हम चाहते हैं कि काम पर असर न पड़े. सूक्ष्म और लघु उद्योगों को हालांकि हड़ताल का ज्यादा असर पड़ने की आशंका नहीं है. पंजाब में करीब 1.70 लाख लघु इकाइयां हैं. वहीं हरियाणा में 1212 बड़े और मझोले उद्योग हैं.
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