Sunday 22 December 2013

दिल्ली में सरकार बनाने का फैसला सोमवार सुबह तक: केजरीवाल


दिल्ली में सरकार बनाने का फैसला सोमवार सुबह तक: केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की रायशुमारी के बीच अरविंद केजरीवाल ने रविवार को संकेत दिया कि पार्टी दिल्ली में नई सरकार गठन को लेकर देररात तक या सोमवार सुबह तक कोई न कोई फैसला ले लेगी।
'आप' द्वारा सरकार बनाने की तैयारियों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि संभवत: देररात या सोमवार सुबह तक। 'आप' अपने घोषणा पत्र का लागू करने में सक्षम होगी यह पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि पार्टी अपने मजबूत घोषणा पत्र को लागू करेगी, जो विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है। केजरीवाल ने लोगों से कहा कि सरकार बनाने के बाद पार्टी अपने वादों को पूरा करेगी। वे भाजपा-कांग्रेस पर भी जमकर बरसे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की रायशुमारी का आज अंतिम दिन है। इस रायशुमारी में करीब 90 फीसद लोगों ने आप को सरकार बनाने के लिए कहा है। इस बाबत दिल्ली की जनता के पास अपनी राय देने के लिए अब आज रविवार का ही दिन शेष है, इसके बाद आप सरकार बनाने के बाबत अंतिम फैसला सोमवार को जनता के सामने सुनाएगी।
रायशुमारी में करीब 90 फीसद लोगों की राय कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने की है और वे मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल को देखना चाहते हैं। इंटरनेट और मोबाइल फोन पर मिले 6.80 लाख मतों में से भी ज्यादातर मत सरकार बनाने के पक्ष वाले हैं। सूत्रों के अनुसार आप ने भी इसके मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस कवायद में जो लोग सरकार बनाने के पक्ष में नहीं हैं, अन्ना हजारे की सहयोगी किरण बेदी भी उनमें से एक हैं। उन्होंने आप द्वारा सरकार बनाने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जनमत संग्रह जब शुरू भी नहीं हुआ था तभी से आप के नेता कभी 70 तो कभी 75 फीसद जनता के सरकार बनाने के पक्ष में होने का दावा कर रहे थे। इस सबका क्या मतलब है।
इससे पहले निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शनिवार सुबह जब आप के विधायक व पराजित प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में जनमत संग्रह कराने के लिए पहुंचे, उसके कुछ ही घंटे बाद किरण बेदी ने जनमत संग्रह प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि आप सरकार बनाएगी तो वह विरोधियों से हाथ मिलाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव बाद जनमत संग्रह कराना भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाना है।
किरण ने कहा कि आप सरकार बनाने को लेकर ऐसी फंस गई है कि उसके नेताओं की स्थिति आगे कुआं, पीछे खाई वाली हो गई है। किरण बेदी की इस टिप्पणी पर आप के प्रवक्ता मनीष सिसोदिया ने कहा कि किरण हमारी सहयोगी रह चुकी हैं। वह हमारी बड़ी बहन की तरह हैं और अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन हमारे लिए अभी चुनौती यह है कि आम लोगों से जो वादे हमने किए हैं, उन्हें पूरा किया जाए।

1 comment:

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