Thursday 14 March 2013

कोबरापोस्ट के खुलासे पर केजरीवाल ने मांगा चिदंबरम का इस्तीफा

Private banks make black money to white: reportनई दिल्ली। देश के कई निजी बैंक काले धन को सफेद करने में लगे हुए हैं। यह सनसनीखेज दावा एक वेबसाइट ने किया है। उसका दावा है कि देश के कुछ बड़े निजी बैंक काला धन नकद लेते हैं और उसे बीमा और सोने में निवेश करते हैं।
वेबसाइट कोबरा पोस्ट ने गुरुवार को अपनी एक रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, एक्सिस बैंक काले धन को अपनी निवेश योजनाओं में डालते हैं। इसके लिए वे रिजर्व बैंक की शर्तो का उल्लंघन करते हुए बिना पैन कार्ड के ही खाता खोलते हैं। कोबरा पोस्ट के इस खुलासे पर आप पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट करके यह मांग की है। उन्होंने लिखा है कि यह बात हजम नहीं हो रही कि सरकार को इस बारे में कुछ पता नहीं है या फिर सरकार की शह पर ही यह सब चल रहा है। उन्होंने न्यूज चैनलों द्वारा इस खबर को नहीं दिखाए जाने पर भी सवाल उठाया है।
वहीं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने भी ट्वीट करके सरकार की खिल्ली उड़ाई है। उन्होंने लिखा है कि एचडीएफसी आइसीआइसीआइ और एक्सिस बैंक ने यह साबित कर दिया है कि एक आदमी को गन दो तो बैंक को लूट सकता है और अगर एक आदमी को बैंक दो तो वो सारी दुनिया को लूट सकता है।
कोबरा पोस्ट के अनुसार बैंक बहुत ही चालाकी से काले धन को सफेद करते हैं। ग्राहकों के काले पैसे को छोट-छोटे टुकड़ों में बैंक में जमा किया जाता है और इसे सफेद करने के लिए बेनामी खाते का इस्तेमाल करते हैं। आरोप ये भी है कि लेन-देन दिखाने के लिए दूसरे ग्राहकों के खातों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
इसके साथ ही वेबसाइट का दावा है कि काले धन को सफेद बनाने के लिए बैंक ड्राफ्ट बनाते हैं जिसका जिक्र ग्राहक के खाते में नहीं होता है। बैंक काला धन देने वाले ग्राहकों की पहचान गुप्त रखते हैं तथा जरूरत के हिसाब अकाउंट खोले और बंद किए जाते हैं।
रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि बैंक ग्राहकों को अवैध नगदी रखने के लिए लॉकर देता है, जिसमें करोड़ों रुपये कैश रखे जाते हैं। इसके साथ ही बताया गया है कि काले धन को विदेश भेजने में भी बैंक मदद करता है।
उधर, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने आरोप को गलत बताया है। एचडीएफसी ने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं वे आधारहीन हैं। वहीं आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि वह नियामक एवं कानून के उच्च स्तर को अपनाते हुए व्यापार करता है। समूह के सभी कर्मचारी आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित हैं और वे कंपनी के कोड ऑफ कंडक्ट का पूरी तरह से पालन करते हैं। बैंक ने कहा है कि उसने आरोप को लेकर एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाई है जो दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगा।

No comments:

Post a Comment