आइए, जानते हैं कि श्रीलंका के खिलाफ मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने कैसी-कैसी गलतियां कीं :
1. विराट कोहली का निराशाजनक फैसला :
महेंद्र सिंह धौनी की गैरमौजूदगी में विराट कोहली टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे हैं और अपनी कप्तानी के पहले मुकाबले में ही उन्होंने एक ऐसा फैसला किया, जो समझ से परे रहा। उन्होंने स्ट्राइकर और जबरदस्त ढंग से स्विंग कराने वाले गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को अंतिम एकादश में शामिल ही नहीं किया। उनके बदले उन्होंने शमी अहमद को मौका दिया। अहमद कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके और 10 ओवरों में बिना कोई विकेट लिए 68 रन खर्च कर डाले। अगर भुवनेश्वर कुमार अच्छे लय में नहीं होते और उन्हें हटाया जाता तो समझ में आता है, लेकिन बिना कारण के उन्हें अंतिम एकादश से कैसे बाहर बैठाया गया?
2. दो आसान कैच छूटे :
भारत के खिलाफ अगर श्रीलंका बल्लेबाज उपुल थरांगा और महेला जयवर्धने ने आतिशी पारी खेली तो उसके पीछे मुरली विजय और उमेश यादव का बहुत बड़ा हाथ है, क्योंकि इन दोनों खिलाड़ियों ने दोनों बल्लेबाजों का आसान सा कैच छोड़कर बड़ा जीवनदान दे दिया। 12.5 ओवर में रवींद्र जडेजा की गेंद पर मुरली विजय ने महेला जयवर्धने का एक आसान कैच छूटा। उस वक्त वे सिर्फ 25 रन पर थे। इसके बाद 38वें ओवर में इशांत शर्मा की गेंदबाजी पर उमेश यादव ने उपुल थरांगा का कैच छोड़ा। थरांगा उस वक्त 91 रन पर थे।
3. मिस फील्डिंग : श्रीलंका के खिलाफ भारतीय फील्डर्स ने ऐसी खराब फील्डिंग की, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। एक आसान सा रन आउट का चांस छोड़ा तो बाउंड्री लाइन पर खिलाड़ियों ने ऐसी लापरवाही दिखाई कि गेंद सीमारेखा के बाहर चली जाती। उमेश यादव तो एक आसान से शॉट को पकड़ने में भी नाकाम रहे। भारतीय क्षेत्ररक्षकों को देखकर बिलकुल भी ऐसा नहीं लग रहा था कि ये वे ही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान अपनी बेहतरीन फील्डिंग की छाप छोड़ी थी।
4. गेंदबाजों की भरपूर लापरवाही :
विराट कोहली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लेकर यह उम्मीद जताई कि शुरुआत में श्रीलंकाई बल्लेबाजों का विकेट झटककर भारतीय टीम उनपर दबाव बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। गेंदबाजों ने पिच का फायदा नहीं उठाया और दिशाहीन गेंदबाजी की। उमेश यादव तो कभी भी लय में नजर नहीं आए। उन्होंने 8 ओवरों में 64 रन खर्च कर डाले। इशांत शर्मा ने 9 ओवर में 68 रन, शमी अहमद ने 10 ओवर में 68 रन, आर. अश्विन ने 67 रन और रवींद्र जडेजा ने 55 रन खर्च कर डाले।
5. फिसड्डी बल्लेबाजी
349 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने जब भारतीय बल्लेबाज क्रीज पर उतरे तो उनका अंदाज देखकर ऐसा लगा, मानो वे पहले ही हिम्मत हार चुके हों। ना ही ओपनिंग साझेदारी चली और ना ही मध्यक्रम। मानो, भारतीय बल्लेबाजों में जल्दी पवेलियन लौटने की होड़ मची हो। चैंपियंस ट्रॉफी में धमाल मचाने वाले शिखर धवन भी सिर्फ 24 रन बना सके, जबकि उनके साथी ओपनर रोहित शर्मा सिर्फ 5 रन बना सके। कप्तान विराट कोहली 2 रन से अधिक नहीं बना सके। नतीजतन, पूरी टीम इंडिया 187 रन पर ढेर हो गई।
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